Wednesday, March 17, 2010
बरेली----ये ख़ामोशी क्यों
सदन में हंगामा हुआ, लोगो ने आरोप लगाये, मीडिया में भी खुशुर फुसुर हुई पर क्या ये उस तरीके से हुआ जैसा इसे होना चाहिए था। बरेली में बी एस पी का वोट नहीं है शायद इसलिए सबकुछ हो रहा है या कराया जा रहा है। बी जे पी चाह कर भी कुछ कर नहीं पा रही है। आखिर क्यों मीडिया के वैसे तेवर उभर के सामने नहीं आ रहे है ? ऐसे मुद्दों पर तो हमेसा ही वो आग उगलता आया है। राजनीतिक दल भी बहुत उत्तेजित नजर नहीं आ रहे है , क्यों? ऐसे व्यक्ति को किस आधार पार छोड़ दिया गया जिस पर पहले से इल्जाम था, आखिर केंद्र कि सरकार ने आखे क्यों बंद कर ली है? क्यों माया सब पर भारी पड़ रही है?
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